यदि आप भी एक किसान हैं और आप मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो अब आप कम लागत मे ही मशरूम की खेती कर सकते हैं क्योंकि अब आप कम लागत वाली सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीन खरीद सकते हैं जिसकी सहायता से आयस्टर मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। अगर आप इस मशीन का उपयोग करना चाहते हैं तो ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर इस मशीन का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आपके पास जगह की कमी है तो आपके लिए यह मशीन बहुत उपयोगी साबित होने वाली है क्योंकि आप इस मशीन की सहायता से कम जगह मे मशरूम उगाने का काम कर सकते हैं।
बाजार मे मशरूम की मांग
अगर आप मशरूम की खेती करते हैं तो आपको भारतीय बाजार में मशरूम की मांग के बारे मे जरूर जानते होंगे, लेकिन अगर आपने अभी तक मशरूम की खेती नहीं की है और आप यह करना चाहते हैं तो आपको बताना चाहूँगा कि अब भारत में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है।
पहले इसे शहर के लोग ज्यादा पसंद करते थे, लेकिन अब यह गांवों-गांवों में प्रसिद्ध हो गया है. मशरूम को क्षेत्रीय भाषाओं में खुंब, गर्जना और धरती के फूल आदि के नामों से भी जाना जाता है। इसके पोषण तत्वों और गुणों के कारण रोम में इसे भगवान का भोजन भी कहा जाता है। वहीं भारत में इसे सब्जियों की मल्लिका का दर्जा दिया गया है।
How To Grow Mushrooms in This Solar Powered Machine Know Details
समय के साथ-साथ इसकी खपत अब हर क्षेत्र में बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मशरूम की खेती कर रहे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। ऐसे मे मुनाफा को डबल करने के लिए आपको इस मशीन का उपयोग जरूर करना चाहिए। इस मशीन से खेती करने में किसानों को कम खर्च में बंपर उत्पादन का मौका मिलेगा। आइए जानते हैं सोलर से चलने वाली इस मशीन में कैसे उगाएं मशरूम?
कम खर्च में बंपर उत्पादन
अब आप भी सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीन की मदद से आयस्टर मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इस मशीन की सहायता से कम खर्च में बंपर उत्पादन किया जा सकता है आप इस मशीन का उपयोग ग्रामीण और शहर दोनों स्तरों पर कर सकते हैं।
दरअसल वर्तमान समय में बहुत सारे किसान भाई मशरूम उगाने के लिए अलग-अलग तकनीक का सहारा ले रहे हैं। परंतु उन तकनीकों मे किसानों को मशरूम की खेती करने में काफी खर्च करना पड़ता है और उन तरीकों मे जगह भी ज्यादा चाहिए होती है।
लेकिन अब किसान इस नए मशीन का उपयोग करके कम जगह में मशरूम का बंपर उत्पादन कर सकते हैं, जिसमे काफी कम जगह की जरूरत होती है। इसलिए इस मशीन का रखरखाव भी काफी आसान है और इस तकनीक को अपनाने में कम खर्च आता है।
कैसे चलती है ये मशीन
अगर आप इस मशीन को की सहायता से मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो आपको कुछ आवश्यक बाते बताना चाहूँगा जैसे- इस मशीन की बनावट जो कुछ इस प्रकार से है-
इसके ग्रोइंग चैंबर का आकार 1.35 x 0.93 x 1.69 मीटर है, जो 1 सीपीवीसी पाइप और फिटिंग से बना हुआ है इसमे कीड़ों के प्रवेश को रोकने के लिए इसे नायलॉन के जाल से ढका गया है। अधिक सुरक्षा के लिए इसमें चारों ओर से बोरी लगाई गई है जो चैम्बर के अंदर नमी बनाए रखने का काम करती है।
इस मशीन को 300 वॉट के सोलर पैनल से या बिजली से चलाया जा सकता है, सोलर सिस्टम मे इन्वर्टर और 12V के बैटरी का उपयोग किया जाएगा।
जानें कितनी देती है उपज
अगर आप इस मशीन को लगाने जा रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए की इस नए तकनीक के मशीन से कितनी उपज हो सकती है आपको बताना चाहूँगा आप इस मशीन की सहायता से हर महीने सीप की दो किस्मों जैसे एल्म ऑयस्टर और व्हाइट ऑयस्टर मशरूम को फसल कक्ष और बाहरी कक्ष दोनों में उगा सकते हैं।
वहीं क्रॉपिंग रूम की उपज की तुलना में मोबाइल चैंबर में एल्म सीप की उपज में औसतन 108 फीसदी अधिक उत्पादन होता है। इसी प्रकार, सफेद मशरूम की पैदावार में भी 51% अधिक पैदावार होती है। अगर बात करें किलोग्राम मे मशरूम की उपज की तो आप इस मशीन में मशरूम की औसत उपज 25-28 किलोग्राम प्रति महीने तक कर सकते हैं।